- प्रशांत पोल

चैतन्य कुंटे और योगेश कुमार शीतल ये दोनों नाम शायद आपने नहीं सुने होंगे. इन दोनों नामों में एक समानता हैं – दोनों ही बरखा दत्त द्वारा सताए गए लोग हैं !

२६/११ के समय, बरखा दत्त जिस प्रकार मुंबई में ताजमहाल और ओबेराय होटल्स की घटनाएं कवर कर रही थी, उससे उन आतंकवादियों के पाकिस्तान में बैठे हुए आकाओं को स्थिति समझने में मदद हो रही थी. और वे उस प्रकार की सूचना उन आतंकवादियों को दे रहे थे. यश देखकर एक आई टी अभियंता, चैतन्य कुंटे का खून खौला था और उसने अपने ब्लॉग में बरखा दत्त की रिपोर्टिंग से आतंकवादियोंको कैसे लाभ पहुचा, यह सबूतों के साथ पेश किया था.

बरखा दत्त इससे लाल – पिली हुई. उसने और एनडीटीवी के उसके साथियों ने चैतन्य कुंटे की न सिर्फ नौकरी छुडवा दी, वरन उसे सामाजिक क्षेत्र और सोशल मीडिया छोड़ने पर भी मजबूर किया.

पिछले सप्ताह ‘नये वामपंथी नेता’, कन्हैय्या, जेल से छूटकर आने के बाद जिस प्रकार से बरखा दत्त ने उसका साक्षात्कार लिया, उसे देखकर बरखा दत्त का एक और काला अध्याय सामने आया हैं.

योगेश कुमार शीतल. दिल्ली के आई आई एम् सी जैसे प्रख्यात पत्रकारिता शिक्षा संस्थान से स्नातकोत्तर शिक्षा लेने वाला योगेस, अन्ना हजारे जी के आन्दोलन में सक्रीय था.

९ अप्रैल, २०११ को, दिल्ली में, इण्डिया गेट पर अन्ना के कार्यकर्ताओं द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था, उसमे योगेश भी शामिल था. तभी वहाँ बरखा दत्त भी पहुच गयी, आन्दोलन को टीवी के लिए कवर करने के लिए. उन्ही दिनों नीरा राडिया टेप काण्ड सामने आया था, और उसमे बरखा दत्त का भ्रष्ट और घिनौना चेहरा सामने आया था. स्वाभाविकतः योगेश को गुस्सा आया. खुद भ्रष्टाचार के कीचड़ में लिप्त बरखा दत्त, भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन को कवर करती हैं, यह अपने आप में हास्यास्पद घटना तो थी ही, क्रोधित करने वाली भी थी.

गुस्से में योगेश ने बरखा के खिलाफ नारे लगाए. वहां उपस्थित आन्दोलन के बाकी कार्यकर्ता भी नारे लगाने लगे. कारवां बढ़ता गया... नारों का आवाज बढ़ता गया.... और बरखा दत्त को वहां से भागना पडा..!

अपमान सहन करना बरखा दत्त के स्वाभाव में नहीं हैं. उसने बदला लेने की ठानी. एनडीटीवी की रूबी धिंगरा और एनी क्रू सदस्यों को इशारा किया गया. इन्होने योगेश को घेरा और उसे पुलिस स्टेशन ले गए. वहां पर रूबी धिंगरा ने योगेश कुमार शीतल पर बदसलूकी के आरोप लगाएं. लेकिन तब तक अन्य कार्यकर्ता भी पुलिस स्टेशन पहुच गए थे. उन्होंने सारा वाकया देखा था. उन्होंने पुलिस को सब सच बताया.

लेकिन ये तो शुरुआत थी...

योगेश को अनजान नंबर से धमकियों के फोन आने लगे. दुसरे दिन योगेश जहाँ से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की शिक्षा ले रहा था, उस आई आई एम् सी के डायरेक्टर को नोटिस गई, योगेश को इंस्टिट्यूट से निकलने की..!

इंस्टिट्यूट ने एनडीटीवी की इस बात को नहीं मानी. योगेश ने अपना पी जी कोर्स पूरा किया.. लेकिन बाद में अनेक न्यूज चैनल्स ने और प्रिंट मीडिया ने ‘बरखा दत्त से पंगा लिया’ इसलिए उसे नोकरी देने से मना किया..!

ये हैं, बरखा दत्त का असली रूप..!!

‘प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सिर्फ नारे लगाएं इसलिए कन्हैय्या को गिरफ्तार किया’ ऐसा झूठा वक्तव्य देने वाली बरखा दत्त ने उसके खिलाफ नारा देने वाले योगेश कुमार शीतल का क्या हाल किया....

...... ये जनता से छुपा नहीं हैं, मैडम बरखा दत्त..!!