२६ जून के उस काले अध्याय को नकारोगे..?

अनगिनत निरपराध लोगों को जेलों में ठूंस कर उनके जीवन के अमूल्य डेढ़ वर्ष बर्बाद करनेको नकारोगे..?

मामा क्षीरसागर जैसे अनेक निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जेल में हुई असमय मौत को नकारोगे..?

पवनार आश्रम के युवा प्रभाकर शर्मा ने आपातकाल के विरोध में किया आत्मदहन नकारोगे..?

क्या क्या नकारोगे, कांग्रेसियों..?

वो जबरन की गयी नसबन्दियों को, और उनके कारण उजड़े हुए अनेक जिंदगियों को..?

उस तुर्कमान गेट के अभागी रहिवासियों को, जिनको बुलडोजर के नीचा रौंदा..?

वो लोकतंत्र के पहरियों को जेल में दी गयी अमानुष और बर्बर यातनाओं को..?

जयप्रकाश नारायण जैसे ऋषितुल्य व्यक्तित्व की किडनी को जेल में खराब करने को..?

जॉर्ज फर्नांडिस के भाई को बिजली का झटका दे देकर पागल की हद तक ले जाने को..?

समाचार पत्रों का गला घोटने वाली निरंकुश सेंसरशिप को..?

किशोर कुमार, विद्या सिन्हा जैसे अनेक कलाकारों को प्रताड़ित करने को..?

जवाब दो, कांग्रेसियों..

किस किस बात को नकारोगे...?  #आपातकाल #Emergency1975

  • प्रशांत पोळ