- प्रशांत पोल
सच पूछा जाय तो मैं ज़रा चिंतित था. इस तनाव भरे जिन्दगी में मनोरंजन के क्षण, अब आगे उसी ताकत के साथ निर्माण होंगे या नहीं, यही चिंता का विषय था.
दिल्ली वाले ‘केजरी बाबा’ अपनी सृजनशीलता खोते हुए दिख रहे थे. ‘राहुल बाबा’ के पप्पुगिरी के किस्से भी अब रटी-रटाई लाइन पे चल रहे थे. और तो और, ‘दिग्विजय बाबा’ तो बुढ़ापे में विवाह कर के अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ खामोश बैठ गए थे.
ऐसे में हमारा मनोरंजन करेगा कौन..? यही चिंता खाए जा रही थी.
लेकिन कल की घटनाओं से समझ में आया, चिंता की कोई आवश्यकता नहीं हैं. हम सबका भरपूर मनोरंजन करने वामपंथी खेमे ने, कांग्रेस के साथ मिलकर, एक जबरदस्त विदूषक को खड़ा किया हैं – कन्हैय्या कुमार के रूप में. पूरी नौटंकी की पूर्ण गारंटी..! अर्थात शर्तिया मनोरंजन..!!
अरे भाई, मुंबई से पुणे भी कोई हवाई जहाज से जाता हैं..? नहीं न..! इसीलिए तो मुंबई – पुणे सेक्टर पर फ्लाइट्स की भी कमी हैं. लेकिन हमारे कन्हैय्या कुमार को हवाई जहाज से ही जाना था. आखिर गरीबी से आजादी जो चाहिए थी नं..! लेकिन फिर न्यूज़ में कैसे बने रहेंगे ? तो एक सहयात्री से झगडा मोल ले लिया. ऊपर से आरोप ठोंक दिया, ‘वो सहयात्री मेरा गला घोंट रहा था..!’ आखिरकार जेट एयरवेज के द्वारा विमान से निकाले जाने के बाद सड़क मार्ग से ही पुणे आना पड़ा. गरीबी के खिलाफ आजादी इन जाहिलों ने मिलने ही नहीं दी.
शुरूवाती दिनों के चप्पल – जूते खानेवाले, स्याही फिकवाने वाले केजरी बाबा याद आ रहे हैं ना..? बस.. बिलकुल वही नौटंकी..!
कन्हैय्या कुमार को गंभीरता से लेने की कोई आवश्यकता नहीं हैं. वहां गंभीरता हैं भी नहीं. न कोई नया विचार हैं, और न ही कोई नया आन्दोलन. चिंतन का तो प्रश्न ही नहीं उठता. बरखा दत्त, वृंदा करात और तीस्ता सेटलवाड से कौनसा चिंतन मिलता हैं..? भारत माँ को गाली देकर शॉर्टकट से कामयाबी पाने का नुस्खा अपनाने का यह प्रयास हैं.
लेकिन मनोरंजन भरपूर हैं. समाचार चैनलों को मसालेदार समाचार मिलते रहेंगे, इसलिए वें खुश. खबरों में बने रहने के कारण कन्हैय्या और वामपंथी खेमा खुश..! और इस नौटंकी से मिलने वाले मनोरंजन से आप और हम खुश..!
याने की पूरी विन – विन सिचुएशन..!!
- प्रशांत पोल