1947

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बंटवारे का दर्द / १
India

बंटवारे का दर्द / १

बंटवारे का दर्द बहुत तीखा होता हैं. एक करोड़ से ज्यादा भारतीयों ने इस दर्द को झेला हैं. लगभग बीस लाख हिन्दू – सिक्ख इस बंटवारे के कारण मारे गए हैं. लाखों माता – बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुई हैं. अनेक घर – बार, आशियाने उजड़ गए हैं.

बंटवारे का दर्द / ३
1947

बंटवारे का दर्द / ३

मुस्लिम लीग पाकिस्तान की मांग कर रही थी. प्रारंभ में तो कांग्रेस भी बंटवारे के विरोध में थी. गाँधीजी ने ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसमे उन्होने कहा था की, ‘पहले मेरे शरीर के टुकडे होंगे, फिर इस देश का विभाजन होगा..!’