Jabalpur क्या हो गया हैं, जबलपुर की प्रबुद्धता को..? आज प्रातः, जब जबलपुर नींद की आगोश से बाहर आ रहा था, नर्मदा माई के भक्त, ग्वारीघाट में स्नान के लिए जा रहे थे, तब ग्वारीघाट के झंडा चौक पर बवाल मचा हुआ था. उस चौक से, ग्वारिघाट पुलिस थाने तक पथराव हो रहा था. पुलिस के वाहनों को आग लगाई जा रही थी.
Amritlal vegad वेगड़ जी का जाना... छह जुलाई का दिन बड़ा त्रासदी भरा रहा. दोपहर को वेगड़ जी के जाने का समाचार मिला, और कुछ ही घंटो बाद फोन आया की मेरे बड़े जीजाजी नहीं रहे..! एक ही दिन दो जबरदस्त आघात...
बेरहम डॉक्टर्स, इन बेरहम डॉक्टरों का सामाजिक बहिष्कार हो... किन्तु आज के समाचार पत्रों में पहले पृष्ठ पर जो कुछ मैंने पढ़ा, उससे मैं अन्दर तक हिल गया.
Prashant Pole माधव हेयर कटिंग सैलून बचपन में, महीने के पहले रविवार को बाल काटने के लिए सैलून में जाना अनिवार्य होता था. बचपन की यादों में इस कटिंग का अहम स्थान हैं. और अहम स्थान हैं, ‘माधव हेयर कटिंग सैलून का.
Jabalpur जबलपुर – भेडाघाट उद्गम से लेकर सागर समागम तक नर्मदा का जो तेज, जो सौंदर्य, जो अठखेलियाँ और जो अदाएँ दिखाई देती हैं वे जबलपुर के अलावा अन्यत्र दुर्लभ हैं। प्रकृति ने तो इस क्षेत्र में नर्मदा को अतुलित सौंदर्य प्रदान किया ही हैं, स्वयं नर्मदा ने भी अपने हठ और तप से अपने सौंदर्य में वृद्धि इसी क्षेत्र में की है।