India बंटवारे का दर्द / १ बंटवारे का दर्द बहुत तीखा होता हैं. एक करोड़ से ज्यादा भारतीयों ने इस दर्द को झेला हैं. लगभग बीस लाख हिन्दू – सिक्ख इस बंटवारे के कारण मारे गए हैं. लाखों माता – बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुई हैं. अनेक घर – बार, आशियाने उजड़ गए हैं.
Hindu Mandir हिंदुत्व / ४ : समरस हिन्दू आज के हिन्दू समाज में अनेक विषमताएं हैं. जाती – पाती, उच्च – नीच, वर्ण आदि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अनेकों बार समाज बटा हुआ सा लगता हैं.
Devendra Fadnavis एक जिंदादिल मुख्यमंत्री – देवेन्द्र देवेन्द्र की किशोरावस्था से मैं उन्हें जानता हूँ. मेरे विवाह में देवेन्द्र और
Fever मेरा बुखार...! शनिवार, दिनांक ८ सितंबर को मुझे पुणे से डोंबिवली जाना था. पिछली रात से शरीर में बुखार था, साथ में खांसी भी. बिटिया मना कर रही थी. मेरा भी मन कर गया एक बार, की नहीं जाऊ. किन्तु जाना आवश्यक था. हिम्मत की. प्रातः साढ़े चार बजे उठकर मैं डोंबिवली गया.
Amritlal vegad वेगड़ जी का जाना... छह जुलाई का दिन बड़ा त्रासदी भरा रहा. दोपहर को वेगड़ जी के जाने का समाचार मिला, और कुछ ही घंटो बाद फोन आया की मेरे बड़े जीजाजी नहीं रहे..! एक ही दिन दो जबरदस्त आघात...
technology तकनिकी और आधुनिकता कल से दिल्ली में हूँ. Convergence India के कांफ्रेंस में हिस्सा लेने आया हूँ. Exhibition भी काफी बड़ी हैं.
Tripura त्रिपुरा का चमत्कार त्रिपुरा विजय का महत्व इसलिए भी सामने आता हैं की पिछले लोकसभा चुनाव में सारे देश में मोदी लहर होने के बावजूद भी त्रिपुरा की दोनों सीटों पर भाजपा की जमानत भी जप्त हो गयी थी..! ऐसे त्रिपुरा में भाजपा का संपूर्ण बहुमत प्राप्त कर लेना, किसी चमत्कार से कम नहीं हैं.
Prashant Pole माधव हेयर कटिंग सैलून बचपन में, महीने के पहले रविवार को बाल काटने के लिए सैलून में जाना अनिवार्य होता था. बचपन की यादों में इस कटिंग का अहम स्थान हैं. और अहम स्थान हैं, ‘माधव हेयर कटिंग सैलून का.
Mother Toungue मातृभाषा दिवस अभी कुछ दिनों पहले मैंने फेसबुक पर एक प्रश्न डाला था – ‘मेरे दोनों बच्चे हिंदी माध्यम में पढ़े. आपके..?’ मुझे प्रसन्नता हुई, की अनेक मित्रों के बच्चे मातृभाषा में पढ़े हैं, या पढ़ रहे हैं.
Lokmanthan लोकमंथन – देशज विचारों का बुलंद आवाज ‘लोकमंथन’ संपन्न हो कर लगभग दो सप्ताह का समय बीत गया हैं. लेकिन उसका प्रभाव आज भी मन-मष्तिष्क पर छाया हैं.
लोकमंथन लोकमंथन...! अपने देश में इस प्रकार का यह पहला और अनूठा आयोजन हैं. ’राष्ट्र सर्वतोपरी’ इस विचार को मानने वाले राष्ट्रभक्तों के बीच यह शास्त्रार्थ होने जा रहा हैं. इस प्रकार के वैचारिक शास्त्रार्थ की अपने देश की प्राचीन परंपरा रही हैं. किन्तु अर्वाचीन काल का यह पहला ही आयोजन लगता हैं.
RSS ‘मार्क्सवादी हिंसाचार के विरोध में संघ का आवाहन’ विचारों के धरातल पर आज मार्क्सवाद, साम्यवाद धराशाई हो रहा हैं. जमीनी कार्य के मापदंड पर भी मार्क्सवाद पराभूत हो रहा हैं. पुरानी पीढ़ी के साम्यवादियों के बच्चे संघ की शाखाओं में नियमित उपस्थिति दे रहे हैं. नई पीढ़ी, संघ के राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित हैं.
Rani Durgavati रानी दुर्गावती...! गढ़ा-मंडला (आज का जबलपुर संभाग) की रानी दुर्गावती, सोलहवी शताब्दी के मुग़ल शासन में भी स्वतंत्रता की ज्योत प्रज्वलित रखने के लिए जानी जाती हैं. अकबर के शासन काल में रानी ने शौर्यता के साथ मुग़ल सेना से सामना किया.